पिछले 10 साल में भारत से कनाडा जाने वाले नागरिकों की संख्या में चार गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट में बताय
पिछले 10 साल में भारत से कनाडा जाने वाले नागरिकों की संख्या में चार गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट में बताय
पिछले 10 साल में भारत से कनाडा जाने वाले नागरिकों की संख्या में चार गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट में बताय ागया है कि कुशल विदेशी नागरिक अमेरिका के बजाए कनाडा को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे 2013 से 2023 तक भारतीय आप्रवासियों की संख्या 32,828 से बढ़कर 139,715 हो गई है।
टोरंटो: एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2013 से कनाडा आने वाले भारतीयों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है। नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) ने बताया है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों (विशेष रूप से भारत से) सहित अत्याधिक कुशल विदेशी नागरिक ऑप्रवासन के लिए अमेरिका के बजाए कनाडा को चुन रहे हैं। 2013 से 2023 तक भारतीय आप्रवासियों की संख्या 32,828 से बढ़कर 139,715 हो गई, जो 10 साल की अवधि में 326 प्रतिशत की वृद्धि है। इसी समय, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन में 2016 से 2019 तक 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं इसी अवधि के दौरान कनाडाई विश्वविद्यालयों में यह 51.6 प्रतिशत बढ़ा।
इसका मुख्य कारण यह है कि अमेरिका में H-1B स्टेटस या स्थायी निवास प्राप्त करना मुश्किल है, जबकि कनाडा में अस्थायी स्टेटस और PR प्राप्त करना आसान है। कनाडा में अधिकांश उच्च-कुशल अस्थायी वीजा के लिए तेज प्रक्रिया है, वहीं अमेरिका की H-1B लॉटरी पूल में अधिकांश आवेदकों को अस्वीकार कर देती है, जिससे कई लोग अमेरिका में अपनी विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी करने के बाद घर लौट जाते हैं।
इसके अलावा, जबकि कनाडा एक कुशल स्नातक को कुछ ही वर्षों में PR और अंततः नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देता है, अमेरिका में भारत से उच्च कुशल अप्रवासियों को अक्सर प्रति देश सीमा और रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड पर कम वार्षिक सीमा के कारण स्थायी निवास पाने के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है। डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने H-1B वीज़ा प्राप्त करना और भी कठिन बना दिया। कई अमेरिकी नेताओं ने छात्रों के लिए नए प्रतिबंध लगाने या वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण को समाप्त करने पर खुले तौर पर चर्चा की। इससे विदेशी छात्र अमेरिका से दूर होते चले गए।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कई H-1B वीज़ा धारक भी कनाडा जाने का विकल्प चुन रहे हैं। पिछले जुलाई में, कनाडा का H-1B वीजा धारकों के लिए कार्यक्रम 48 घंटे से भी कम समय में 10,000 की सीमा तक पहुंच गया था। कनाडाई विश्वविद्यालयों का आकर्षण केवल भारतीय अंतरराष्ट्रीय छात्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 2000 से 2021 के बीच कनाडाई स्कूलों में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 544 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 62,223 से बढ़कर 400,521 हो गई है। इसने कनाडाई विश्वविद्यालयों के विकास को बढ़ावा दिया है, जिसमें कनाडाई स्कूलों में नामांकन में 45 प्रतिशत वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के कारण हुई है।
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